“INDIA” का नाम बदलकर होगा “भारत”। जानिए “भारत” नाम का पूरा इतिहास।

“India” name changed to “Bharat” : दोस्तों स्वागत है आपका हमारे नए लेख में, जैसा की हम सभी को पता है कि श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इंडिया का नाम बदलकर भारत रखे जाने का जिक्र हुआ है , और “इंडिया” का नया नाम “भारत” रखा जा रहा है तो इस “भारत” नाम की उत्पत्ति कहां से हुई और इसका इतिहास क्या है , यह सारी जानकारी इस लेख में जानने वाले है । तो चलिए लेख को शुरू करते हैं।

India name changed to bharat

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिए इंडिया नाम बदलने के संकेत

दोस्तों अभी हाल ही में हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बहुत अधिक संकेत दिए हैं कि वे अब इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने जा रहे हैं । यह नाम हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है और हर भारतीय को गर्व महसूस कराएगा। इसलिए उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जाना चाहिए।

क्यों है “भारत” नाम खास?

भारत शब्द की उत्पत्ति और नाम का इतिहास:

भारत शब्द का प्रयोग भारतीय सुभूमि को सूचित करने के लिए किया जाता है, और इसका अर्थ होता है “भूमि” या “धरती”। यह नाम भारत के इतिहास, संस्कृति, और भौगोलिक विशेषताओं के साथ जुड़ा हुआ है। इसकी उत्पत्ति और नाम पर विवेचना करने के लिए हम निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं:

1. भारत शब्द की उत्पत्ति:
भारत शब्द की उत्पत्ति वेदों के समय से हुई है, जो कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मिलती है। इस शब्द का प्रयोग वेदों में भारतीय सुभूमि के स्वरूप को व्यक्त करने के लिए हुआ, जहाँ वेदों के रचयिता अपने आत्मा को भूमि से जुड़ा हुआ मानते थे।

2. इतिहास में भारत नाम:
भारत नाम का प्रयोग भारत के इतिहास में भी कई हजार वर्षों से हो रहा है। यह नाम भारतीय उपमहाद्वीप के इकलौते द्वीप देश के रूप में होने का आदान-प्रदान करता है। इसका प्राचीन इतिहास विभिन्न महाभारत और रामायण काव्यों में भी मिलता है, जहां भारत महाभारत के राजा धृतराष्ट्र के पुरवांशी थे।

3. संघर्ष और स्वतंत्रता:
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय, “भारत” नाम ने देश की आजादी के लिए संघर्ष का प्रतीक बना। गांधीजी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने इस नाम को राष्ट्रीय भावना का हिस्सा बनाया और इसका उपयोग स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोत के रूप में किया।

4. संविधान की प्रमाणिता:
भारतीय संविधान का प्रभावी होने के बाद, “भारत” नाम आधिकारिक रूप से भारतीय संघर्ष गणराज्य के नाम के रूप में प्रमाणित हुआ। 26 जनवरी 1950 को, भारत ने गणराज्य के रूप में विश्व में अपनी पहचान बनाई।

5. भौगोलिक विशेषताएँ:
भारत की भौगोलिक विशेषताएँ उसके आदर्श भूगोल को दर्शाती हैं। यह देश विविध भूभागों का मिलन है, जिसमें हिमालय पर्वत श्रृंगला, थार डेसर्ट, गंगा और यमुना नदियों का संगम, और दक्षिणी तट के तेलुगु और तमिलनाडु क्षेत्र शामिल हैं। इसके विशेष भौगोलिक आकृति ने भारत की जैव विविधता और वन्य जीवन को प्राकृतिक धरोहर का हिस्सा बनाया है।

6. भारतीय अर्थव्यवस्था:
भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति कर रही है, जैसे कि तकनीक, विज्ञान, सेवा क्षेत्र, और नृवित्ति।

7. सांस्कृतिक धरोहर:
भारत की सांस्कृतिक धरोहर बहुत धनी है, जिसमें विभिन्न धार्मिक, लिंगी, और भाषाओं का मिलन होता है। यहां धर्म, दर्शन, शिल्पकला, संगीत, और नृत्य की बहुतात्मक परंपराएं हैं, जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।

8. भाषाएँ:
भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, और यह भाषाओं का देश है। हिंदी और अंग्रेजी राष्ट्रीय और आधिकारिक भाषाएँ हैं, लेकिन विभिन्न राज्यों में भी विशेष भाषाएँ हैं, जैसे कि तमिल, तेलुगु, बंगाली, और पंजाबी।

“भारत” नाम भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और जीवनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और यह देश की विविधता और विशेषता को प्रकट करता है। इसका उपयोग भारतीय संघर्ष और एकता की प्रतीक के रूप में भी होता है, जिससे भारत एक अद्वितीय देश बनता है।

“भारत” शब्द का महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय सभ्यता, इतिहास, संस्कृति, और जनसंख्या के आदान-प्रदान के रूप में है, और यह देश की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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